Reels Addiction | रील्स का एडिक्शन सेहत के लिए हो सकता है बहुत ही खतरनाक

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Reels Addiction

Reel Addiction fishing Guide – रील एडिक्शन फिशिंग गाइड

(Reels Addiction )अगर आपको भी  दोस्तों   रील्स देखने में बहुत मजा आता है आपका  टाइम पास आसानी से हो जाता है तो आपको बता दें कि ये एडिक्शन सेहत के लिए आपकी बहुत ही खतरनाक हो सकता है फिर चाहें वो बच्चे हों या बूढ़े।(Reels Addiction)

पहले  लोग मेट्रो में अपना सफर कुछ पढ़ते या रेडियो सुनते हुए वक्त बिताते थे। और अगर कभी कम भीड़ वाली मेट्रो मिल गई, तो हाथ-पैरों के साथ नेक की थोड़ी-बहुत स्ट्रेचिंग भी कर लेते लोग स्टेशन पर पहुंचकर लगता था कि मैंने अपने इस टाइम को कितने अच्छे से यूज किया, लेकिन अभी फिलहाल कुछ महीनों से  लोग अपना समय रील्स देखने में गुजर रहे है। (Reels Addiction)स्क्रॉल करते  लोगो को पता  ही नही चलता   केसे पूरा डेढ़ घंटा निकल जाता है लोगो को पता ही नहीं चलता। लोग  इस  समय का ऐसा दुरुपयोग करके  उन्हें कुछ पता ही नही कब टाइम निकल जाता है, लेकिन रील्स की एडिक्शन ऐसी लगती है कि इससे खुद को बाहर ही नहीं निकाल  पाते लोग और कई लोग इस एडिक्शन का शिकार हैं। सभी को इस की लत  बड़े क्या बच्चे अब तो बूढ़े लोगों को भी इसकी लत लग चुकी है।(Reels Addiction)

क्या हैं रील्स और शॉर्ट्स? – What are reels and shorts?

Reels Addiction - What are reels and shorts

जो 30 सेकंड के छोटे-छोटे वीडियोज़ शॉर्ट्स कहलाते हैं। वैसे दोस्तों  कुछ वीडियो 2 मिनट तक के भी होते हैं। रील्स भी एक तरह के शॉर्ट वीडियोज़ ही हैं।  ये सभी लोगो  को  रील्स बनाने का चस्का टिकटॉक ऐप से शुरू हुआ था। जब  भारत में टिकटॉक बैन होते ही  सभी लोग फेसबुक और इंस्टाग्राम पर हर तरह के रील्स  बनने स्टार्ट ककर दी । फनी, इन्फॉर्मेशनल, इमोशनल हर तरह के वीडियोज़ हर तरह की रील्स बनने लगी । तभी तो लोगों को इसका एडिक्शन हो रहा है। इन रील्स को सेलिब्रिटी से लेकर आम लोग  सभी  बना रहे हैं, (Reels Addiction) और बच्चों और युवाओं में इसका ज्यादा क्रेज देखने को मिल रहा है। क्या हैं रील्स और शॉर्ट्स  विडियो सभी बना रहे है।

डिप्रेशन की वजह बन सकता है ये एडिक्शन –  This addiction can become the cause of depression

Reels Addiction -   This addiction can become the cause of depression

ये लोगों में जो सबसे बड़ी समस्या देखने को मिल रही है वो है डिप्रेशन।  जो लोग विडियो  को  देखते शख्स खुद को वीडियो में मौजूद शख्स से कम्पेयर करने लगता है। (Reel addiction fishing) वो भी उसकी तरह  अपने आप दिखना चाहता है, उसकी तरह  अपनी जिंदगी जीना चाहता है और जब ऐसा नहीं होता, तो आप  गुस्से    में चिड़चिड़ापन होना लाजमी है। धीरे-धीरे  लोगो  तनाव डिप्रेशन में बदल जाता है।(Reels Addiction)

आखिर क्यों है इन्हें देखने का ऐसा जुनून – Why is there such a passion to see them

 

  • रील्स, शॉर्ट्स में सबसे ज्यादा कॉमेडी वीडियो हैं। बड़ों से लेकर बच्चे, बूढ़े तक इन वीडियोज़ को देखते हैं और हंसते हैं, जिससे उनका माइंड  काफी आखिर क्यों है इन्हें देखने का ऐसा जुनून?
  •  कई शॉर्ट वीडियोज़  भी होती हैं जिनमें  औरत फैशन और स्टाइल को फोकस  करती है, खासतौर से महिलाओं को। बाज़ार के लेटेस्ट ट्रेंड के बारे में जानने के लिए इन्हें देखा जाता है। (reel addiction sport fishing)
  • कुछ शॉर्ट वीडियो में लोगोंअजीब  एक्टिंग करते और डायलॉग  भी बोलते हैं। जो बहुत ही फनी होते   है जिसे लोगों को देखने में  काफी मजा आता है।
  • कई लोग ऐसे भी हैं, जो खाने की नई-नई चीजों और घूमने की नई जगहों के बारे में जानना जानकारी देते हैं। वो उस तरह के वीडि  से अपना ज्ञान बढ़ाते हैं।

कैसे रील्स का एडिक्शन है सेहत के लिए नुकसानदेह – How reel addiction is harmful for health

Reels Addiction - How reel addiction is harmful for health

  •  देर रात तक रील्स या शॉर्ट्स देखने की वजह से बच्चे देर से जागते रहते।  और रील्स देखते  रहते।  जिससे उनका स्लीप पैटर्न डिस्टर्ब हो जाता है। फिर अगले दिन स्कूल या कॉलेज में दिनभर  उनको नींद आती रहती है।  और  उनकी नींद पूरी न होने पर स्ट्रेस रह्ते है। जिससे  लोगो बीपी बढ़ने की परेशानी के साथ कई बार डिप्रेशन भी हो सकता है।(Reels Addiction)
  •   जब  फोन ज्यादा समय बिताने से  लोगो आंखें कमजोर होने लगती हैं।  आपकी फिजिकल एक्टिविटी जीरो हो जायेगी है जिससे वजन बढ़ने और मोटापे की समस्या  भी हो सकती है। (reel addiction charter fishing)

कैसे पाएं इस एडिक्शन से छुटकारा – How to get rid of this addiction

Reels Addiction - How to get rid of this addiction

  •  रील्स देखने में जो समय बीता रहे हैं, वो दोस्तों के साथ बिताएं।
  • फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाएं। लगातार रील्स देखने की वजह से बच्चे वर्चुअल ऑटिज़म (लर्निंग क्षमता कम होना, बोलना देर से शुरू करना आदि) का शिकार हो रहे हैं। जिससे उन्हें थेरपी और मेडिकल ट्रीटमेंट की भी जरूरत पड़ सकती है। उन्हें मोबाइल देना बंद करें।
  • बच्चे को चश्मा लगा है तो उसके लेंस को मियोस्मार्ट लेंस में बदलवा दें। इससे चश्मे के लेंस का नंबर या तो वहीं रुक जाता है या नंबर बढ़ने की स्पीड कम हो जाती है। (Reels Addiction)

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